अम्माजी आप सबसे ई पूछा चाहती हैं कि आज के जमाने में, पढे लिखे परिवारों द्वारा, अपने घर की लडकियों को, प्रेम करने पर मौत की सजा देने वाले परिवारों को समाज किस तरह सुधार सकता है? अऊर आप ई मामले मा का कहा चाहते हैं?
आपके ब्लॉग को देखकर यकीन हो गया की अब समाज किसी को सुधारे या न सुधारे पर हमारी अम्माजी जरुर सुधर देंगी........... मेरा प्रणाम अवश्य स्वीकार करें अम्माजी !!
"पता नहीं इसका क्या हल है । हमारा सब यही तो ढ़ूढ रहे हैं.."
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को देखकर यकीन हो गया की अब समाज किसी को सुधारे या न सुधारे पर हमारी अम्माजी जरुर सुधर देंगी...........
ReplyDeleteमेरा प्रणाम अवश्य स्वीकार करें अम्माजी !!
ई का, गुस्सा तो ठीक नहीं है सेहत का वास्ते चाहे फोटुवा में ही काहे ना हो।
ReplyDeleteएक बात औउर, ई शब्द-वेरिफिकेशनवा हटा ना लीजिए बेकारे में अड़ंगा लगाता है।