हां त बच्चा लोग आवो आवो...अम्माजी का बिलागवा पर तुम्हरा सबहिका स्वागत है।
हम आप सबसे कुछ सवाल पूछा चाहती हैं कि ....अगर तुम निष्पक्ष राय दे सकत हो तो अवश्य देवो अऊर अगर किसी का दर है त मन ही मन कुधते रहो अऊर उनको मजा लेने दो. हां त अब सवाल...
१.क्या वर्धा सम्मेलन मा सिर्फ़ अपने अपने वालों को रेवडियां बांटी हैं?
२. क्या आप मानते हैं कि इस मे घपला हुआ है?
३. भविष्य में इसमे पारदर्शिता आये..इसके लिये आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
आप पहले अऊर दूसरे सवाल का जवाब हां या ना में भी दे सकते हैं.
-तुम सबकी अम्माजी
आदरणीय अम्मा जी
ReplyDeleteरेवड़ी तो होती ही अपनों को बांटने के लिए है !! तो वर्धा सम्मलेन इससे अछूता कैसे रह सकता है !!
माताराम रेवड़ी तो अपनो को बांटने के लिए होती है .... आदमी रेवड़ी इसीलिए लेता है की वो अपनों को बांटे ...का पराये के लाने लेत है ....
ReplyDeleteमाताराम जा कहावत तो आपने सुनी होगी .... अँधा बनते रेवड़ी चीन्ह चीन्ह कर देय .... और यह सत्य है की जब बांटने का समय आता है तो आदमी सिर्फ अपनों को ही बांटता है दूजे फिर उसे कहाँ दिखत हैं ... माई
ReplyDeletejaya ho mata ji ki . mahendra mishra ji thik to kahte hai'n .
ReplyDeleteअम्मा जी मै ठहरा परदेशी, अब मुझे तो पता नही कि हमारे रोहतक की मशहुर रेवडिया लोग मुफ़त मे बांट रहे हे, ओर वो भी अपनो को...चलो कोई बात नही, जब हम बांटे गे तो सब से पहले अम्मा को ही रेवडिया देगे, कि अम्मा तुम बडी हो जिसे चाहो बांटॊ...
ReplyDeleteअम्मा जी, अगले माह रोहतक में रेवाड़ी की रेवड़ी खाने पहुंचना है।
ReplyDeleteसुना है रेवाड़ी रेवड़ियाँ उम्दा मिलती हैं। राज भाटिया जी भी पहुंच रहे हैं रेवड़ियों के लालच में। हा हा हा
आप भी पहुंचे। तारीख समय आने पर बता दी जाएगी।
हा हा हा ..यही सन्तोष है कि कुछ बँटा तो सही...
ReplyDeleteवरना बँटे-बँटाए हुए लोगों से उम्मीद कम ही होती है कि वे किसी को कुछ बाँट पायेंगे... उनकी अपनी उदरपूर्ति हो जाये तो गनीमत है.........
वैसे रेवड़ियाँ भी कौनसी सस्ती हैं आजकल जो अपनों को छोड़ कर अन्य को बांटी जाये ?
अम्मा जी आपके इस श्वेत पत्र का स्वागत है
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ReplyDeleteसार्थक पोस्ट के लिए बधाई.........
ReplyDeleteबहुत से सम्मेलन हुए जहाँ रेवड़ियाँ बांटी गई और हमें बुलाया नहीं गया. हमारा अनुरोध है कि हमें भी रेवड़ियों का बहुत लालच है कृपया हमें भी बुलाएं.
ReplyDeleteout of syllabus :)
ReplyDeleteअम्मा रोहतक में सबके लिये मंगवाई है
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